रविवार, 7 अगस्त 2011

अविरल टूर बनाएगा


    अविरल टूर बनाएगा
             -डा.राज सक्सेना

मां पहिये लगवाले घर में,
सचल भवन हो   जाएगा |
पापा रखलें एक ड्राइवर ,
जो हर जगह    घुमाएगा |

स्टेशन,बस अड्डे सबकी,
बचेंगे     मारा-मारी से |
पन्द्र्ह दिन तक होनेवाली,
थकन भरी     तैयारी से |
पूसी,टामी,मिट्ठू के संग ,
छुट्टू चूहा       जाएगा |
अविरल टूर     बनाएगा |

पापा-मम्मी साथ   रहेंगे,
दीदी  साथ      निभाएगी |
दादा-दादी छूट न   पाएं,
नानी      भी आ जाएगी  |
प्यारा भय्या अर्जुन  मेरा,
साथ घूम कर    आएगा |
अविरल टूर     बनाएगा |

लेह और लद्दाख घूम कर,
श्री-नगर    हम   जाएंगे  |
वहां गए तो अमरनाथ के,
दर्शन  भी   कर   आएंगे  |
झझंट नहीं गरमपानी का,
गीज़र साथ   निभाएगा |
अविरल टूर     बनाएगा |

जयपुर से अजमेर घूमकर,
जायेंगे हम दिल्ली    को |
कनाट प्लेस पर चाट्पकौड़ी,
ला दें पूसी    बिल्ली को |
उसको खाते देख भौंक-कर ,
टामी   शोर    मचाएगा |
अविरल टूर     बनाएगा |

लखनऊ अपना देखा-भाला,
कर्नाट्क हो      आएंगे |
विधानसभा कैसी लगती है,
फोटो   वहां    खिंचाएंगे |
मिट्ठू तोता करे नमस्ते ,
छुट्टू भी    चिंचियाएगा |
अविरल टूर     बनाएगा |

सीधे-सीधे केप्-कमोरिन ,
कन्याअन्तरीप पर जाएँ   |
बैठ विवेकानन्द शिला पर,
राष्ट्र-गीत भारत का गायें  |
बिनारुके घर्  सीधा वापस,
"दूरान्तो"  सा   आएगा
अविरल टूर     बनाएगा |
  धनवर्षा,हनुमान मन्दिर,
  खटीमा - २६२३०८(उ०ख०)

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