चन्द्र शेखर आजाद
-डा.राजसक्सेना
हे शीर्ष शिखर आजादी के,
स्वीकार करो शतशत प्रणाम |
हो सर्वश्रेष्ठ बलिदानी तुम,
भारत भर में हो श्रेष्ठनाम |
प्रातः स्मरणीय शिखर'चन्द्र',
तुम सा बलिदानी कौन बने |
सौ धन्य-धन्य उस माता को,
जो 'शेखर' जैसा लाल जने |
है आज जरुरत बस इतनी,
तुम जैसा नेता आ जाये |
सड़ चुकी व्यवस्था भारत की,
'आजाद'इसे वह कर जाये |
अवतरित तुरत हो जाओ तुम,
इस त्राहि-त्राहि को दूर करो |
भारत माता के पौंछ अश्रु,
भारत भर का कल्याण करो |
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