किशोर-स्वप्न
स्वर्ग बने भारत अब अपना |
देखे नवतरूणाई यह सपना |
युवा उठें, लेकर अंगड़ाई,
दुर्घटना, न पड़े सुनाई |
आतंकी का, नाम न आए,
धर्म-जाति की, रहे न खाई |
रीति-धर्म पालें सब अपना |
देखे नव-तरूणाई यह सपना |
सब हाथों को काम मिले अब |
सर के ऊपर छत्त दिखे अब |
घर के आगे सड़क सलौनी,
एक चमकती हुई बने अब |
देश बिखरता दिखे न अपना |
देखे नव-तरूणाई यह सपना |
घटें दूरियां , रहे करीबी |
हटे युवा से , बे-तरतीबी |
करे तरक्की देश हमारा,
ओर-छोर न , रहे गरीबी |
विकसितदेश बने अब अपना |
देखे नव-तरूणाई यह सपना |
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