गुरुवार, 27 जून 2013

किशोर-स्वप्न




   किशोर-स्वप्न
स्वर्ग बने भारत अब अपना |
देखे नवतरूणाई यह सपना |

युवा  उठें,   लेकर  अंगड़ाई,
दुर्घटना,   न   पड़े सुनाई |
आतंकी का,   नाम न आए,
धर्म-जाति की, रहे न खाई |

रीति-धर्म पालें सब  अपना |
देखे नव-तरूणाई यह सपना |

सब हाथों को काम मिले अब |
सर के ऊपर छत्त दिखे  अब |
घर के आगे  सड़क  सलौनी,
एक चमकती हुई  बने अब |

देश बिखरता दिखे न अपना |
देखे नव-तरूणाई यह सपना |

घटें दूरियां ,  रहे   करीबी |
हटे युवा से  ,  बे-तरतीबी |
करे   तरक्की  देश  हमारा,
ओर-छोर  न , रहे  गरीबी |

विकसितदेश बने अब अपना |
देखे नव-तरूणाई यह सपना |

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