गणतन्त्र हमारा
- डा.राज सक्सेना
भिन्न सभी से सबसे न्यारा,भारत का गणतन्त्र हमारा |
बना विश्व में श्रेष्ठ सभी से,हमें जान से है ये प्यारा |
छब्बीस जनवरी का स्वर्णिमदिन,लेकर खुशियां आया अनगिन |
इस दिन से मुडकर न देखा, करता देश तरक्की प्रति-दिन |
देख रहा विस्मित जग सारा,भारत का गणतन्त्र हमारा |
अंतिमजन तक किया सम्रर्पित,किया प्रशासन जन को अर्पित |
दलित-शोषितों को नियमों से,मिलीं शक्तियां श्रेष्ठ अकल्पित |
हर घर तक पहुंची यह धारा,भारत का गणतन्त्र हमारा |
हुई शक्तियां संवैधानिक , लिखित हो गयीं सब अधिकाधिक |
संविधान अतिश्रेष्ठ बना कर, संसद से करवाया पारित |
जग में ज्यों चमका ध्रुव तारा,भारत का गणतन्त्र हमारा |
शासन जन का जन के द्वारा,है सशक्त जनप्रतिनिधि हमारा |
नियम बनाना,राज चलाना , संसद में सिमटा बल सारा |
शासक-शासन सभी संवारा ,भारत का गणतन्त्र हमारा |
धनवर्षा,हनुमान मन्दिर,खटीमा-२६२३०८(उ०ख०)
मो. ०९४१०७१८७७७