बुधवार, 31 अक्तूबर 2012


                         
  खटीमा में
              उत्तराखण्ड में बाल साहित्य का इतिहास,दशा और दिशा
                  विषय पर उच्चस्तरीय सेमिनार
         स्थानीय प्रतिष्ठित शिक्षा भारती सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के वृहद हाल में इक्कीस -
अक्टूबर,2012 को एक उच्चस्तरीय सेमिनार "उत्तराखण्ड में बाल साहित्य का इतिहास दशा और
दिशा"विषय पर (एक दिवसीय परिचर्चा) का आयोजन "उत्तराखण्ड बालकल्याण एंव बाल साहित्य
शोध संस्थान खटीमा के तत्वावधान में किया गया |
                 आयोजन को चार सत्रों में बांटा गया था | प्रथम सत्र औपचारिक उदघाटन सत्र था,
सत्र की अध्यक्षता राज.पी जी कालेज पौड़ी के प्राचार्य डा.सुभाषवर्मा ने की | सत्र के मुख्यअतिथि
स्थानीय विधायक नानक मत्ता, डा.प्रेम सिंह राना थे | विशिष्ट अतिथि के रूप में संस्था के
संरक्षक हरीश चन्द्र पाण्डेय चेयर पर्सन शिक्षा भारती संस्थान,प्रख्यात शिक्षाविद पूर्व उपनिदेशक
उच्चशिक्षा एल डी भट्ट,खटीमा व्यापारमण्डल के युवाअध्यक्ष अरूण सक्सेना तथा अल्मोड़ा अरबन
बैंक के शाखा प्रबन्धक दिग्विजय सिंह थे | समस्त सम्मानित अतिथियों ने इस प्रकार के प्रथम
सेमिनार को आयोजित करने के लिये संरक्षक मण्डल तथा संस्था के पदाधिकारियों की भूरि-भ्रूरि
प्रशंसा करते हुए पुनः-पुनः पुनरावृति की आवश्यकता पर बल दिया | सत्र का संचालन संस्था के
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.राज सक्सेना ने किया |धन्यवादज्ञापन सचिव रमेशचौहान ने किया |
                      अगला सत्र चर्चा सत्र था जिसकी अध्यक्षता बाल वाटिका के स.सम्पादक डा.
भैंरू लाल गर्ग को करना थी किन्तु अपरिहार्य कारणों से आपका आगमन सम्भव न हो पाने
के कारण सत्र की अध्यक्षता स्थानीय राज.पी जी कालेज के प्राचार्य डा. हरिओमप्रकाश सिंह द्वारा
की गई | मुख्य अतिथि कुमांऊ विश्वविद्यालय के डीन तथा निदेशक,महादेवी वर्मा सृजन पीठ
रामगढ थे | विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच पर संस्था की संरक्षक एंव नोजगे पबलिक स्कूल
सीनियर सैकेण्डरी स्कूल की चेयर पर्सन सुरिन्दर कौर दत्ता,उदय किरौला-सम्पादक बाल प्रहरी,
सुप्रसिद्ध कवियित्री नीलिमा श्रीवास्तव तथा युवाहस्ताक्षर का प्रतिनिधित्व कर रही अ.प्रोफेसर
अल्मोड़ा परिसर डा.मेघा भारती सुप्रसिद्ध गजलकार तथा मंच संचालक के आसीन होने के पश्-
चात विशेष रूप से बीज वक्तव्य के लिये हल्द्वानी राज.पी जी कालेज की हिन्दी विभागाध्यक्ष -
तथा सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार डा. प्रभापन्त को आमंत्रित किया गया  | उनके वक्तव्य से
पूर्व संस्था के इतिहास तथा उसकी गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया संस्था के सी
ई ओ डा. राज सक्सेना ने | अपने बीज भाषण को अपनी सम्मोहक आवाज और सटीक -
प्रस्तुति के माध्यम से डा.प्रभा पन्त ने उत्तराखण्ड के बालसाहित्य के इतिहास पर विस्तृत -
प्रकाश डालते हुए वर्तमान दशा की बिन्दुवार व्याख्या की तथा बाल साहित्य के भविष्य को
उज्जवल बनाने के लिए उसे दिशा प्रदान करने के लिये बहुमूल्य सुझावों का प्रस्तुतिकरण भी
किया | बीच-बीच में जोरदार तालियों से चयनित विद्वान श्रोताओं ने मुख्य वक्ता के बीजभा-
षण की प्रशंसा की | अपने स्वागत भाषण में संस्था की संरक्षक सुरिन्दर कौर ने स्वागत के
साथ बाल साहित्य की आवश्यकताओं की भी विशद विवेचना की | उदय किरौला सम्पादक -
बाल प्रहरी ने अपने भाषण में वर्तमान बाल साहित्य की व्याधियों और उनके उन्मूलन पर -
विशेष बल देते हुए चर्चा विषय की विस्तृत विवेचना के साथ सामायिक प्रसंगों का भी चिन्ही-
करण किया | नीलिमा श्रीवास्तव ने भी बाल साहित्य की विस्तृत व्याख्या प्रस्तुत की |मुख्य
अतिथि डा.डी.एस.पोखरिया ने अपनी ख्याति और विद्वत्ता के समरूप विषय को सरल भाषा और
अकाट्य तर्कों के माध्यम से इस चर्चा में विशेष रूप से उन्हें सुनने आए बच्चों के अन्त-
मनों तक अपने भाव पंहुचाए | विद्वान प्राचार्य डा.सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण को तर्कों -
और संतुलित विवेचना के माध्यम से समरूपता प्रदान की | सत्र का संचालन अत्यन्त ओज-
स्वी और सारगर्भित शैली में संस्था की संरक्षक डा. सुनीता चुफाल रतूड़ी ने किया |
               सत्रावसान के समय धन्यवाद प्रदर्शन संस्था के कोषाध्यक्ष के.सी.जोशी ने किया |
         तृतीय सत्र समापन एवं सम्मान समारोह सत्र था | सत्र की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध
दोहा,हायकू और बाल साहित्यकार के रूप में स्थापित डा.राम निवास मानव ने की | मुख्य
अतिथि के रूप में मंच पर आसीन थे युवा हृदय सम्राट साहित्य के क्षेत्र में नव स्थापित हस्ता-
क्षर विधायक खटीमा पुष्कर सिंह धामी | मंचासीन विशिष्ट अतिथि थे संस्था के संरक्षक  -
सुदर्शन वर्मा, नवयुवक साहित्यकार उद्योगपति वरूण अग्रवाल, इस विशेष समारोह में श्रेष्ट -
नागरिक शिरोमणि सम्मान से सम्मानित किये जाने वाले कै.ठाकुर सिंह खाती और नेपाल से
पधारे नेपाली पत्रिका पल्लव के सम्पादक लक्ष्मी दत्त भट्ट | इस अवसर पर सुप्रसिद्ध शिक्षा-
विद डा.डी एस पोखरिया के साथ,डा.सुभाष वर्मा,डा.पी एस राना विधायक,संरक्षक हरीश -
चन्द्र पाण्डेय,डा.प्रभा पन्त,डा.राम निवास मानव,विधायक पुष्कर सिंह धामी,उदय किरौला,
नीलिमा श्रीवास्तव,डा.मेघा भारती तथा नेपाल से पधारे लक्ष्मी दत्त भट्ट को सम्मानित किया
गया | साथ ही तीन स्थानीय साहित्यकारों डा.सिद्धेश्वर सिंह,रावेन्द्र कुमार रवि और वरूण-
अग्रवाल को भी सम्मानित किया गया | कै.ठाकुर सिंह खाती को उनकी सामाजिक और सां-
स्कृति असाधारण सेवाओं के लिये श्रेष्ट नागरिक शिरोमणि सम्मान से विभूषित किया गया |
अपने औपचारिक भाषणों में समस्त मंचासीन अतिथियों ने बाल साहित्य की दशा और दिशा
का विवेचन किया | सत्र का संचालन डा.राज सक्सेना और डा.सुनीता चुफाल रतूड़ी ने किया  |
श्राफ पब्लिक स्कूल की प्रखरप्रवक्ता अंजू भट्ट ने समस्त अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापने किया |
                         अन्तिम चतुर्थ सत्र में उपस्थित कविगणों की कविसंगोष्ठी का आयोजन किया
गया | संगोष्ठी की अध्यक्षता रावेन्द्र कुमार रवि ने की तथा मुख्य अतिथि पुष्कर सिंह धामी
थे |विशिष्ट अतिथि आमन्त्रित कवि डा.रामनिवास मानव,डा.प्रभापन्त,वरूण  अग्रवाल,पु
ष्कर सिहं धामी,नीलिमा श्रीवास्तव, डा.राज सक्सेना और नेपाल से पधारे लक्ष्मीदत्त भट्ट ने
कविता पाठ किया रावेन्द्र रवि ने अन्त में सुन्दर कविताएं सुनाईं  | कविगोष्ठी का सफल
संचालन डा.-सुभाष वर्मा ने किया | अंत में राज सक्सेना ने समस्त आमंत्रितों का धन्यवाद
देते हुए उपस्थित विद्वदजनों को अपनी दो पंक्तियां समर्पित कीं -
          इस शहर के नाम से लोगों ने जाना है हमें,
          अब हमारे नाम से जानेंगे इसको लोग सब |
                                                 


                            खटीमा में
              उत्तराखण्ड में बाल साहित्य का इतिहास,दशा और दिशा
                  विषय पर उच्चस्तरीय सेमिनार
         स्थानीय प्रतिष्ठित शिक्षा भारती सीनियर सैकेण्डरी स्कूल के वृहद हाल में इक्कीस -
अक्टूबर,2012 को एक उच्चस्तरीय सेमिनार "उत्तराखण्ड में बाल साहित्य का इतिहास दशा और
दिशा"विषय पर (एक दिवसीय परिचर्चा) का आयोजन "उत्तराखण्ड बालकल्याण एंव बाल साहित्य
शोध संस्थान खटीमा के तत्वावधान में किया गया |
                 आयोजन को चार सत्रों में बांटा गया था | प्रथम सत्र औपचारिक उदघाटन सत्र था,
सत्र की अध्यक्षता राज.पी जी कालेज पौड़ी के प्राचार्य डा.सुभाषवर्मा ने की | सत्र के मुख्यअतिथि
स्थानीय विधायक नानक मत्ता, डा.प्रेम सिंह राना थे | विशिष्ट अतिथि के रूप में संस्था के
संरक्षक हरीश चन्द्र पाण्डेय चेयर पर्सन शिक्षा भारती संस्थान,प्रख्यात शिक्षाविद पूर्व उपनिदेशक
उच्चशिक्षा एल डी भट्ट,खटीमा व्यापारमण्डल के युवाअध्यक्ष अरूण सक्सेना तथा अल्मोड़ा अरबन
बैंक के शाखा प्रबन्धक दिग्विजय सिंह थे | समस्त सम्मानित अतिथियों ने इस प्रकार के प्रथम
सेमिनार को आयोजित करने के लिये संरक्षक मण्डल तथा संस्था के पदाधिकारियों की भूरि-भ्रूरि
प्रशंसा करते हुए पुनः-पुनः पुनरावृति की आवश्यकता पर बल दिया | सत्र का संचालन संस्था के
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.राज सक्सेना ने किया |धन्यवादज्ञापन सचिव रमेशचौहान ने किया |
                      अगला सत्र चर्चा सत्र था जिसकी अध्यक्षता बाल वाटिका के स.सम्पादक डा.
भैंरू लाल गर्ग को करना थी किन्तु अपरिहार्य कारणों से आपका आगमन सम्भव न हो पाने
के कारण सत्र की अध्यक्षता स्थानीय राज.पी जी कालेज के प्राचार्य डा. हरिओमप्रकाश सिंह द्वारा
की गई | मुख्य अतिथि कुमांऊ विश्वविद्यालय के डीन तथा निदेशक,महादेवी वर्मा सृजन पीठ
रामगढ थे | विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच पर संस्था की संरक्षक एंव नोजगे पबलिक स्कूल
सीनियर सैकेण्डरी स्कूल की चेयर पर्सन सुरिन्दर कौर दत्ता,उदय किरौला-सम्पादक बाल प्रहरी,
सुप्रसिद्ध कवियित्री नीलिमा श्रीवास्तव तथा युवाहस्ताक्षर का प्रतिनिधित्व कर रही अ.प्रोफेसर
अल्मोड़ा परिसर डा.मेघा भारती सुप्रसिद्ध गजलकार तथा मंच संचालक के आसीन होने के पश्-
चात विशेष रूप से बीज वक्तव्य के लिये हल्द्वानी राज.पी जी कालेज की हिन्दी विभागाध्यक्ष -
तथा सुप्रसिद्ध बाल साहित्यकार डा. प्रभापन्त को आमंत्रित किया गया  | उनके वक्तव्य से
पूर्व संस्था के इतिहास तथा उसकी गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया संस्था के सी
ई ओ डा. राज सक्सेना ने | अपने बीज भाषण को अपनी सम्मोहक आवाज और सटीक -
प्रस्तुति के माध्यम से डा.प्रभा पन्त ने उत्तराखण्ड के बालसाहित्य के इतिहास पर विस्तृत -
प्रकाश डालते हुए वर्तमान दशा की बिन्दुवार व्याख्या की तथा बाल साहित्य के भविष्य को
उज्जवल बनाने के लिए उसे दिशा प्रदान करने के लिये बहुमूल्य सुझावों का प्रस्तुतिकरण भी
किया | बीच-बीच में जोरदार तालियों से चयनित विद्वान श्रोताओं ने मुख्य वक्ता के बीजभा-
षण की प्रशंसा की | अपने स्वागत भाषण में संस्था की संरक्षक सुरिन्दर कौर ने स्वागत के
साथ बाल साहित्य की आवश्यकताओं की भी विशद विवेचना की | उदय किरौला सम्पादक -
बाल प्रहरी ने अपने भाषण में वर्तमान बाल साहित्य की व्याधियों और उनके उन्मूलन पर -
विशेष बल देते हुए चर्चा विषय की विस्तृत विवेचना के साथ सामायिक प्रसंगों का भी चिन्ही-
करण किया | नीलिमा श्रीवास्तव ने भी बाल साहित्य की विस्तृत व्याख्या प्रस्तुत की |मुख्य
अतिथि डा.डी.एस.पोखरिया ने अपनी ख्याति और विद्वत्ता के समरूप विषय को सरल भाषा और
अकाट्य तर्कों के माध्यम से इस चर्चा में विशेष रूप से उन्हें सुनने आए बच्चों के अन्त-
मनों तक अपने भाव पंहुचाए | विद्वान प्राचार्य डा.सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण को तर्कों -
और संतुलित विवेचना के माध्यम से समरूपता प्रदान की | सत्र का संचालन अत्यन्त ओज-
स्वी और सारगर्भित शैली में संस्था की संरक्षक डा. सुनीता चुफाल रतूड़ी ने किया |
               सत्रावसान के समय धन्यवाद प्रदर्शन संस्था के कोषाध्यक्ष के.सी.जोशी ने किया |
         तृतीय सत्र समापन एवं सम्मान समारोह सत्र था | सत्र की अध्यक्षता सुप्रसिद्ध
दोहा,हायकू और बाल साहित्यकार के रूप में स्थापित डा.राम निवास मानव ने की | मुख्य
अतिथि के रूप में मंच पर आसीन थे युवा हृदय सम्राट साहित्य के क्षेत्र में नव स्थापित हस्ता-
क्षर विधायक खटीमा पुष्कर सिंह धामी | मंचासीन विशिष्ट अतिथि थे संस्था के संरक्षक  -
सुदर्शन वर्मा, नवयुवक साहित्यकार उद्योगपति वरूण अग्रवाल, इस विशेष समारोह में श्रेष्ट -
नागरिक शिरोमणि सम्मान से सम्मानित किये जाने वाले कै.ठाकुर सिंह खाती और नेपाल से
पधारे नेपाली पत्रिका पल्लव के सम्पादक लक्ष्मी दत्त भट्ट | इस अवसर पर सुप्रसिद्ध शिक्षा-
विद डा.डी एस पोखरिया के साथ,डा.सुभाष वर्मा,डा.पी एस राना विधायक,संरक्षक हरीश -
चन्द्र पाण्डेय,डा.प्रभा पन्त,डा.राम निवास मानव,विधायक पुष्कर सिंह धामी,उदय किरौला,
नीलिमा श्रीवास्तव,डा.मेघा भारती तथा नेपाल से पधारे लक्ष्मी दत्त भट्ट को सम्मानित किया
गया | साथ ही तीन स्थानीय साहित्यकारों डा.सिद्धेश्वर सिंह,रावेन्द्र कुमार रवि और वरूण-
अग्रवाल को भी सम्मानित किया गया | कै.ठाकुर सिंह खाती को उनकी सामाजिक और सां-
स्कृति असाधारण सेवाओं के लिये श्रेष्ट नागरिक शिरोमणि सम्मान से विभूषित किया गया |
अपने औपचारिक भाषणों में समस्त मंचासीन अतिथियों ने बाल साहित्य की दशा और दिशा
का विवेचन किया | सत्र का संचालन डा.राज सक्सेना और डा.सुनीता चुफाल रतूड़ी ने किया  |
श्राफ पब्लिक स्कूल की प्रखरप्रवक्ता अंजू भट्ट ने समस्त अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापने किया |
                         अन्तिम चतुर्थ सत्र में उपस्थित कविगणों की कविसंगोष्ठी का आयोजन किया
गया | संगोष्ठी की अध्यक्षता रावेन्द्र कुमार रवि ने की तथा मुख्य अतिथि पुष्कर सिंह धामी
थे |विशिष्ट अतिथि आमन्त्रित कवि डा.रामनिवास मानव,डा.प्रभापन्त,वरूण  अग्रवाल,पु
ष्कर सिहं धामी,नीलिमा श्रीवास्तव, डा.राज सक्सेना और नेपाल से पधारे लक्ष्मीदत्त भट्ट ने
कविता पाठ किया रावेन्द्र रवि ने अन्त में सुन्दर कविताएं सुनाईं  | कविगोष्ठी का सफल
संचालन डा.-सुभाष वर्मा ने किया | अंत में राज सक्सेना ने समस्त आमंत्रितों का धन्यवाद
देते हुए उपस्थित विद्वदजनों को अपनी दो पंक्तियां समर्पित कीं -
          इस शहर के नाम से लोगों ने जाना है हमें,
          अब हमारे नाम से जानेंगे इसको लोग सब |
                                                   ममता सक्सेना,खटीमा-२६२३०८(उ.ख.)