शनिवार, 3 नवंबर 2012

हिन्द की पहचान है


                   
 हिन्द की पहचान है
विश्व की पावन धरा पर, हिन्द की पहचान है |
पूर्ण भाषा ज्ञान में, हिन्दी गज़ब की शान  है |
है सम्मिश्रण बोलियों का, हिन्द में मौजूद जो,
हर पड़ोसी देश - भाषा  का  इसे, संज्ञान है |
है सरल इतनी कि सीखो,चार दिन में अद्यतन,
संसार के भाषाजगत में,सबसे यह आसान है |
विश्व की बोली कहीं की, ये  लिखे   स्पष्टतः,
क्या जगत की कोई भाषा?इस कदर गुणवान है|
जो लिखा,वह ही पढा जाता है इसमे जब पढो,
स्पष्ट है सब कुछ,नहीं इसमें कहीं अनुमान है |
बोलियों में सबसे मीठी,बात में कितनी सरल,
हर कहीं भी बात हो,अच्छा नहीं यदि ज्ञान है|
गोद में इसकी पली, पल   कर  जवां उर्दू हुई,
आज इसके संग उर्दू,  इस चमन की शान है |
सौ से ज्यादा देश में,समझीपढ़ी जाती है ये,
'राज'  अपने  देश के, कुछ  क्षेत्र में अंजान है |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें