बुधवार, 17 अगस्त 2011

आदर्श दिन-चर्या


       आदर्श दिन-चर्या
                -डा.राज सक्सेना

सुबह सवेरे उठना बेटा,हल्की कसरत   करना बेटा |
छूना पैर बड़े जितने हों,तभी काम कुछ करना बेटा |

सही तरीके से ब्रश करना,दांत साफ पानी से करना |
मुखधोलो तब जाओनहाने,आकर उचित नाश्ता करना |

कलका पढ़ा पुनः दोहराओ,आज है पढ़ना नज़रफिराओ |
फिर शाला की करो तैयारी,बैग ढ़ंग से पुनः  लगाओ |

पूरी ड्रेस पहन कर आओ,बैग टांग कन्धे पर ले जाओ |
पंक्तिलगा बस में तुम चढ़ना,पंक्ति बना शाला में जाओ |

कक्षा में तुम ध्यान लगाकर,मन पढने में पूर्ण जमाकर |
नोट करो जो नोट करायें,अलग अलग गृहकार्य लगाकर |

हो छुट्टी मत दौड़ लगाओ,लगा पंक्ति बस मे चढ़ जाओ |
घर  आए  आराम से उतरो,दोनो ओर देख घर   जाओ |

लेलो नाश्ता मां से  खाओ,धमा-चौकड़ी  नहीं मचाओ  |
सुनो बात भी जो वह कहती,होकर फ्रैश खेलने  जाओ |

खेल खत्मकर वापस आओ,गृह का पूर्ण कार्य निबटाओ |
खाना खा बिस्तर पर जाओ, करो बन्द आंखें सो जाओ |

  धनवर्षा,हनुमानमन्दिर,खटीमा-२६२३०८(उ०ख०)
  मो- ०९४१०७१८७७७

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