बुधवार, 17 अगस्त 2011

नहीं समझते कम


      नहीं समझते कम
                -डा.राज सक्सेना

हम सूरज और तारे हम,खुद को नहीं समझते कम |
संशय अगर किसी के मन में,आकर हमें दिखाले दम |

हम भारत का मान रखेंगे,ऊंची इसकी शान रखेंगे |
झण्डा है पहचान हमारी,झण्डे का सम्मान  रखेंगे |
तूफानों को रोकेंगे हम,खुद को नहीं समझते  कम |
संशय अगर किसी के मन में,आकर हमें दिखाले दम |

जात-पांत से दूर रहेंगे,प्रेम-भाव भरपूर   रखेंगे |
कितने बड़े पदों पर पहुंचें,ना सत्ता मद्-चूर रहेंगे |
ना धोखा दें, ना खाएं हम,खुद को नहीं समझते कम |
संशय अगर किसी के मन में,आकर हमें दिखाले दम |

विश्व गुरू भारत बन जाए,जन-गण-मन को गले लगाए |
कठिन परिश्रम करके ही तो,प्रजातन्त्र जन-जन तक जाए |
सम अधिकार दिला दें हम,नहीं समझते खुद को कम |
संशय अगर किसी के मन में,आकर हमें दिखाले दम |

  धनवर्षा,हनुमानमन्दिर,खटीमा-२६२३०८(उ०ख०)
        मो- ०९४१०७१८७७७

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