शनिवार, 26 नवंबर 2011

अप्रैल फूल बनाया


      अप्रैल फूल बनाया
चतुर्थ मास के प्रथम दिवस को,
उल्लू     के    मन   आया |
रहे  बनाते   उल्लू     हमको,
दिवस      हमारा     आया |

मैं भी आज    स्वंय  सरीखा,
उल्लू        इन्हें    बनाऊं |
अपने    मोबा इल से  झूठे,
कुछ       मैसेज  भिजवाऊं |

भैंस वती को 'मैसेज'  भेजा,
ब्युटी  पार्लर         जाओ |
क्रीम  बनाई एक    उन्होंने,
गोरी     तुम   हो   आओ |

गधे राम को   भेजा 'मैसेज',
सुन्दर - वन   में    जाओ |
वहां   जमी  है अक्लघास जो,
चर कर      अक्ल  बढाओ |

'मैसेज  भेजा चूहे   जी को,
लोमड़  -  वैद्य     पटाओ |
सिंह - राज जो खाते  गोली,
खाकर   कैट       भगाओ |

बिल्ली   को  भेजा 'संदेसा',
'बन्दर्-मुनि' पर    जाओ |
सम्मोहन का मंत्र सीख कर ,
मोटे - रैट         पटाओ |

भेज  संदेशे   उल्लू - राजा,
मन ही मन       इतराये |
देखा सन्देशे  ,  भेजे   पर,
बिना'सैण्ड'का बटन  दबाये |

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