नीड़ बनाया
कहां सीख कर आई हो तुम,
गृह - निर्माण सवैय्या |
कितना सुन्दर नीड़ बना कर,
रहती हो गौरय्या |
तिनका-तिनका चुनकर तुमने,
कला-कृति रच डाली |
सबसे ऊंची डाल सुरक्षित,
उस पर यह लटकाली |
अन्दर-बाहर चिकना करके,
कमरे तीन सजाए |
छोटे-छोटे गोल द्वार भी,
इसमें कई बनाए |
सुन्दर सूखे पत्ते लेकर,
तुमने नीड़ सजाया |
मन करता है मैं भी रहलूं,
लेकिन पहुंच न पाया |
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