अप्रैल फूल बनाया
चतुर्थ मास के प्रथम दिवस को,
उल्लू के मन आया |
रहे बनाते उल्लू हमको,
दिवस हमारा आया |
मैं भी आज स्वंय सरीखा,
उल्लू इन्हें बनाऊं |
अपने मोबा इल से झूठे,
कुछ मैसेज भिजवाऊं |
भैंस वती को 'मैसेज' भेजा,
ब्युटी पार्लर जाओ |
क्रीम बनाई एक उन्होंने,
गोरी तुम हो आओ |
गधे राम को भेजा 'मैसेज',
सुन्दर - वन में जाओ |
वहां जमी है अक्लघास जो,
चर कर अक्ल बढाओ |
'मैसेज भेजा चूहे जी को,
लोमड़ - वैद्य पटाओ |
सिंह - राज जो खाते गोली,
खाकर कैट भगाओ |
बिल्ली को भेजा 'संदेसा',
'बन्दर्-मुनि' पर जाओ |
सम्मोहन का मंत्र सीख कर ,
मोटे - रैट पटाओ |
भेज संदेशे उल्लू - राजा,
मन ही मन इतराये |
देखा सन्देशे , भेजे पर,
बिना'सैण्ड'का बटन दबाये |
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