गुरुवार, 6 अक्टूबर 2011

shastri ji aajao

       जन्मा एक सितारा
जय जवान,जय किसान का,
दिया    देश    को नारा |
गांधी जी की जन्म तिथि को,
जन्मा एक    ध्रुव्-तारा |

लाल बहादुर नाम था उसका,
निर्धनतम      घर-द्वारा |
नदी उफनती  तैर-तैर कर,
शाला     गया  बिचारा |

तनधन का था निर्बल लेकिन्,
मन   का  बड़ा सबल था |
आज़ादी के  महायुद्ध  मै,
रखता   भाग प्रबल   था |

आज़ादी के बाद मंत्रि  बन,
जम  कर   देश   संवारा |
एक  रेल दुर्घटना पर उसने,
त्याग दिया     पद-सारा |

नेहरु की  मृत्यु पर उसने,
प्रधान-मंत्रि   पद  पाया |
एक दिवस भोजन त्यागें सब,
त्याग -मंत्र     सिखलाया |

झुककर चलती छोड़ नीतियां,
सख्त   रूप    अपनाया |
हमले पर पाकी  सेना  के,
रौद्र -  रूप    दिखलाया |

समझौते की बात रूस  ने,
कर ने  उन्हें     बुलाया |
पता नहीं क्या हुआ वहां पर,
लाल   न वापस   आया |

आज जरूरत पुनः   तुम्हारी,
भारत में    फिर ,  आओ | 
कद छोटा पर काम बड़ा तुम,
शास्त्री   जी   कर   जाओ |

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