कोमल मन
नन्हे-नन्हे जिगर के टुकड़े,
भेज रहे इनको स्कूल |
कोमल,नाजुक नये नवेले,
ये सब हैं,बगिया के फूल |
नहीं जानते सख्ती क्या है,
बड़े प्यार से पले बढ़े हैं |
नाम डांट का सुना नहीं है,
रहे प्यार के बीच खड़े हैं |
अगर प्यार से कहें इन्हें तो,
सब कुछ ये करते जायेंगे |
हुई कड़ाई इन पर यदि तो,
कोमल मन ना सह पायेंगे |
जितना भी सम्भव हो इनको,
आप प्यार से ही समझाना |
सरल तरीके से सब बातें,
खेल-खेल में ही बतलाना |
खेल-खेल में सारी बातें,
जल्दी बहुत समझ जायेंगे |
याद रखेंगे बहुत दिनों तक,
मन मस्तक में रख पायेंगे |
जल्दी सोना, जल्दी उठना,
अच्छा होता , इन्हें बताना |
मात-पिता गुरु आदि बड़ों के,
पैर नियम से छुयें सिखाना |
सेवा सबसे बड़ी देश की,
अपने शिक्षकगण करते हैं |
नींव देश की हैं ये बच्चे,
जिनको सुद्दढ ये करते हैं |
अच्छा देश बनाना है तो,
गुरुवर अच्छे बाल बनाओ |
इन्हें संवारो ,उच्च देश का,
सुन्दर एक भविष्य बनाओ |
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